डरने की कोई बात नहीं है- सब कुछ ‘परम प्रभु’ हैं– ‘परम प्रभु’ के सिवाय और कुछ नहीं है; एकमात्र भगवान् का ही अस्तित्व है और जो कुछ हमें डराने की कोशिश करता है वह केवल भगवान् का मूर्खतापूर्ण और अर्थहीन छद्मवेश है ।
हिम्मत रखो–तुम्हारे सामने मार्ग खुला है, बीमारी की इस मोहग्रस्तता को झाड़ फेंको और ‘भागवत शान्ति’ को नीचे उतारो ।
तब सब कुछ ठीक हो जायेगा ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – २)
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