श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

क्या तुम युवा हो ?

जब तुम्हें यह विश्वास हो कि जो जानना बाकी है उसकी तुलना मे तुम जो जानते हो वह कुछ भी नहीं है, जब तुम्हें लगे कि तुमने जो कुछ किया है वह जो कुछ करना बाकी है उसका केवल आरंभ बिंदु है, जब तुम भविष्य को प्राप्त करने योग्य अनंत संभावनाओं से भरे चमकते सूर्य के रूप मे देखो तब तुम युवा हो । तुमने धरती पर चाहे जितने वर्ष बिताये हों तुम युवा और भावी कल की उपलब्धियों से समृद्ध हो।

और अगर तुम नहीं चाहते कि तुम्हारा शरीर तुम्हें धोखा दे तो व्यर्थ की उत्तेजना मे अपनी शक्ति नष्ट करने से बचो। तुम जो भी करो, शांत, स्थिर और प्रकृतिस्थ होकर करो । शांति और नीरवता मे अधिकतम शक्त्ति है।

संदर्भ : शिक्षा के ऊपर

शेयर कीजिये

नए आलेख

आश्रम के दो वातावरण

आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिसमें…

% दिन पहले

ठोकरें क्यों ?

मनुष्य-जीवन के अधिकांश भाग की कृत्रिमता ही उसकी अनेक बुद्धमूल व्याधियों का कारण है, वह…

% दिन पहले

समुचित मनोभाव

सब कुछ माताजी पर छोड़ देना, पूर्ण रूप से उन्ही पर भरोसा रखना और उन्हें…

% दिन पहले

देवत्‍व का लक्षण

श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…

% दिन पहले

भगवान की इच्छा

तुम्हें बस शान्त-स्थिर और अपने पथ का अनुसरण करने में दृढ़ बनें रहना है और…

% दिन पहले

गुप्त अभिप्राय

... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…

% दिन पहले