कुछ भी असंभव नहीं

यदि चैत्य पुरुष की प्रकृति जाग्रत हो जाए, अपने पीछे विद्यमान माताजी की चेतना और शक्ति के द्वारा तुम्हारा पथ-प्रदर्शन करे तथा तुम्हारे अंदर कार्य करे तो कुछ भी असंभव नहीं है ।

संदर्भ : माताजी के विषय में 

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