जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन और उसकी प्रभुत्व-सम्पन्न तथा समग्र क्रिया हो सकती है ।
संदर्भ : योग-समन्वय
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... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…
भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो,…
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