मधुर माँ ,
आपने लिखा है, “सब त्यागों में अपनी अच्छी आदतों को त्यागना सबसे कठिन है।” इससे आपका ठीक-ठीक क्या मतलब है ? क्या इसका भाव यह है कि अच्छी आदतें योग के लिए जरूरी नहीं हैं ?
जब तक तुम आदतों के आधार पर काम करते हो तब तक अच्छी आदतें जरूरी हैं, लेकिन योग के परम लक्ष्य को पाने के लिए तुम्हें सभी बंधनों को छोड़ना होगा, वे चाहें जो भी क्यों न हों। और अच्छी आदतें भी बंधन हैं जिन्हें एक दिन छोड़ना होगा, यदि तुम एकमेव चरम प्रेरणा, परम प्रभु की इच्छा का आज्ञा का पालन करना चाहो और इस योग्य हो कि उसके सिवा किसी और की आज्ञा का पालन न करो।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
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अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…