... एक क्षण होता है जब जीवन, जैसा कि वह इस समय है, मानव चेतना, जैसी कि वह इस समय…
पहली चीज़ है अपने-आपको विचार, भाव और क्रिया में विश्व के केंद्र में न रखना, मानों उसका अस्तित्व तुम्हारे लिए…
श्रीअरविंद के योग के साधक को भूतकाल और वर्तमान में पूजे जाने वाले भगवान के विभिन्न रूपों के पुजारियों के…
जगत एक बहुत बड़े परिवर्तन की तैयारी कर रहा है । सहायता करोगे ? नववर्ष के संदेश में आपने जिस…
भारत को जगत् का आध्यात्मिक नेता होना ही चाहिये । अन्दर तो उसमें क्षमता है, परन्तु बाहर... अभी तो सचमुच…
काम में व्यवस्था और सामंजस्य होने चाहियें। जो काम यूँ देखने में बिलकुल नगण्य हो उसे भी पूर्ण पूर्णता के…
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया-कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें । इसका…
जब मैंने उनसे (८ दिसम्बर १९५०) को अपने शरीर को पुनर्जीवित करने के लिए कहा, तो उन्होने स्पष्ट उत्तर दिया…