Sri Aurobindo on The Mother in Hindi

भगवान के साथ तुम्हारा संबंध

भगवान् के साथ जो तुम्हारा सम्बन्ध है उसमें तुम्हारा ध्यान इस बात पर नहीं होना चाहिये कि भगवान् तुम्हारी व्यक्तिगत…

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माताजी और मैं

माताजी और मैं एक ही हैं पर दो शरीरों में, यह आवश्यक नहीं है कि दोनो शरीर सदा एक ही…

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हमारा उद्देश्य

योगी, सन्यासी, तपस्वी बनना यहाँ का उद्देश्य नहीं हैं। हमारा उद्देश्य है रूपांतर, और तुमसे अनंतगुना बड़ी शक्ति के द्वारा…

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