प्रत्येक का साधना करने और भगवान तक जाने का अपना तरीक़ा होता है और दूसरे उसे कैसे करते हैं इसमें…
मैं और श्रीमाँ एक और समान हैं। और साथ ही वे यहाँ परमा हैं और उनका अधिकार है कि वे…
तुम माँ के बच्चे हो और माँ का अपने बच्चों के प्रति प्रेम असीम होता है, और वे उनके स्वभाव…
श्रीमाँ श्रीअरविन्द' की शिष्या नहीं हैं। उन्हें मेरे समान ही सिद्धि और अनुभूति प्राप्त थी। श्रीमाँ की साधना छोटी उम्र…
यदि चैत्य पुरुष की प्रकृति जाग्रत हो जाए, अपने पीछे विद्यमान माताजी की चेतना और शक्ति के द्वारा तुम्हारा पथ-प्रदर्शन…
हम चाहें श्रीअरविंद को लिखें या श्रीमाँ को, क्या यह एक ही बात है ? कुछ लोग कहते हैं कि…
प्रायः ही श्रीअरविंद कहते हैं कि व्यक्ति को श्रीमाँ की शक्ति को शासन करने देना चाहिये । क्या इसका यह…
तुम माँ के बच्चे हो और माँ का अपने बच्चों के प्रति प्रेम असीम होता है, और वे उनके स्वभाव…
जब मैं योग के विषय में कुछ भी नहीं जानता, यह भी नहीं जानता कि क्या करना चाहिये, तब मैं…
. . . संसार का जीवन अपने स्वभाव में अशांति का क्षेत्र है - उचित तरीके से उस पर चलने…