समाज

भारत के पतन का कारण

यदि अधिकतर भारतीय सचमुच अपने सम्पूर्ण जीवन को सच्चे अर्थ में धार्मिक बना पाते तब हम लोगों की ऐसी स्थिति…

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जगद-गुरु

. . . किसी एक ही रचना पर जोर देने से वह कठोरता आ जाती है जो भूतकाल में भारतीय…

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भिखारीयों को पैसे

मधुर माँ,  हमें भिखारियों को पैसे देने चाहियें या नहीं ? सुसंघठित समाज में भिखारी होना ही नहीं चाहियें। लेकिन…

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