समर्पण

भगवती माँ की कृपा

तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी उतनी ही अधिक रहेगी। और…

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श्रीमाँ की सलाह

हमेशा भगवान् की उपस्थिति में ही निवास करो इस अनुभूति में रहो कि यह उपस्थिति ही तुम्हारी प्रत्येक क्रिया को…

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आश्रम में रहना आसन नहीं

बाहरी दिखावों से निर्णय न करो और लोग जो कहते हैं उस पर विश्वास न करो, क्योंकि ये दोनों चीजें…

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यही उपचार

अपने मन को पूरी तरह अपनी कठिनाई से मोड़ लो और पूरी तरह ऊपर से आने वाली ज्योति और शक्ति…

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सच्ची सच्चाई

सच्ची सच्चाई है राह पर आगे बढ़ते जाना, क्योंकि तुम उसके अतिरिक्त कुछ कर ही नहीं सकते; अपने-आपको दिव्य जीवन…

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भगवान के साथ तुम्हारा संबंध

भगवान् के साथ जो तुम्हारा सम्बन्ध है उसमें तुम्हारा ध्यान इस बात पर नहीं होना चाहिये कि भगवान् तुम्हारी व्यक्तिगत…

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हमारी पहली आवश्यकता

हमारी पहली आवश्यकता श्रद्धा है; क्योंकि भगवान में, जगत में और सबसे महत्वपूर्ण यह कि भागवत परम सत्ता में श्रद्धा…

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समर्पण-मार्ग

इस समर्पण-मार्ग को यदि तुम पूर्ण रूप से और सच्चाई के साथ अपना लो तो कोई गम्भीर कठिनाई या कोई…

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उपलब्धि का निश्चित मार्ग

अपने-आपको अपने-आपसे बड़े के हाथों में पूरी तरह दे देने से बढ़ कर पूर्ण और कोई आनंद नहीं है। 'भगवान',…

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अप्रसन्नता और कपट

तुम दुःखी, बहुत उदास, निरुत्साहित और अप्रसन्न हो जाते हो : "आज चीज़ें अनुकूल नहीं है। वे कल जैसी नहीं…

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