व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये

अपना चुनाव एकबारगी कर लो

१. कोई महत्त्वाकांक्षा न रखो, और सबसे बढ़कर यह कि किसी चीज का दिखावा न करो, हर क्षण, तुम अधिक-से-अधिक…

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बातचीत के दौरान ध्यान रखने वाली बातें

... इन परिवेशों में और इस तरह की बातचीत के दौरान जो चैत्य आत्म-संयम वाञ्छनीय है उसमें दूसरी चीज़ों के…

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आध्यात्मिक प्रगति

आध्यात्मिक प्रगति बाह्य परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, जैसी कि हम आन्तरिक रूप से परिस्थितियों के बारे में प्रतिक्रिया करते…

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दुःख और कष्ट का मूल

अप्रिय विचार अप्रिय भावनाएं लाते हैं--अप्रिय भावनाएं तुम्हें भगवान् से दूर ले जाती हैं और तुम्हें उस शैतान के हाथों…

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आशा

हमारी प्रकृति न केवल संकल्प और ज्ञान के क्षेत्र में प्रान्त है बल्कि शक्ति के क्षेत्र में भी दुर्बल है।…

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भगवती श्री माँ का दृष्टिकोण 

​तुम्हारी मानव-दृष्टि चीजों को एक सीधी लकीर में देखती है । तुम्हारे लिए या तो यह तरीका है या वह…

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अपनी चेतना को विस्तृत करों

​सारी मुश्किल इस बात से आती है कि तुम किसी के साथ तब तक सामञ्जस्य नहीं कर सकते जब तक…

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श्रीमाँ का आश्वासन

​..मेरे और तुम्हारे बीच एक विशेष सम्बन्ध है, उन सबके साथ जो मेरी और श्रीअरविन्द की शिक्षा की ओर मुंडे…

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मेरे आशीर्वाद बहुत भयंकर हैं 

​मेरे आशीर्वाद बहुत भयंकर हैं । वे इसके लिए या उसके लिए, इस व्यक्ति या उस वस्तु के विरुद्ध नहीं होते…

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पीड़ा का निराकरण

शायद तुम्हें बताया गया होगा कि शरीर की कुछ विशेष व्याधियों से तुम्हें बहुत दर्द होगा । इस तरह की…

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