माताजी के वचन भाग-१

मेरी प्रतिमा 

​लोग मुझसे नहीं, मेरे बारे में अपने ही बनाये हुए मानसिक और प्राणिक रूप से प्रेम करते हैं। मुझे इस…

% दिन पहले

भारत के लिये संदेश

​भारत को फिर से अपनी आत्मा को पाना और अभिव्यक्त करना होगा । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग - १)

% दिन पहले

समग्र दृष्टि 

​हर एक के अपने विचार होते हैं और वह श्रीअरविन्द के लेखों में सें अपने विचारों का समर्थन करने वाले वाक्य…

% दिन पहले

मेरे शब्दों की व्याख्या

​ ऐसा लगता है कि तुम यह मानते हो कि मैं एक बात कहती हूं और मेरा मतलब कुछ और होता…

% दिन पहले

​सच्ची आध्यात्मिकता

​सच्ची आध्यात्मिकता जीवन से संन्यास नहीं है, बल्कि 'दिव्य पूर्णता' के साथ जीवन को पूर्ण बनाना हैं ।  सन्दर्भ :…

% दिन पहले

योग के लिए आना

जीवन से और लोगों से घृणा और विरक्ति के कारण इस योग के लिए नहीं आना चाहिये। कठिनाइयों से भाग…

% दिन पहले

खुद की भूल खोजना

“असामञ्जस्य-भरे वातावरण" को पहचानना केवल उसी हद तक उपयोगी हो सकता है जिस हद तक वह हर एक के अन्दर उसे…

% दिन पहले

प्रार्थना करो

यह इसलिए है क्योंकि समस्त संसार मिथ्यात्व में पूरी तरह डूबा हुआ है-इसलिए वे सभी कर्म जो ऊपर उभर आते…

% दिन पहले

श्रद्धा की महत्ता

​लोग यह नहीं जानते कि श्रद्धा कितनी महत्त्वपूर्ण है। कितना बड़ा चमत्कार हैं, चमत्कारों को जन्म देनेवाली है। अगर तुम…

% दिन पहले

भारत माता के योग्य शिशु

​अपने तुच्छ, स्वार्थपूर्ण व्यक्तित्व से बाहर निकलो ओर अपनी भारतमाता के योग्य शिशु बनो । अपने कर्तव्यों को सच्चाई और…

% दिन पहले