विश्व की अंतिम सीमा तक ... बल्कि उसके भी परे तक अपना विस्तार करो। प्रगति की समस्त आवश्यकताओं को हमेशा…
जिस क्षण तुम संतुष्ट हो जाओ और अभीप्सा करना छोड़ दो, उसी क्षण से तुम मरना शुरू कर देते हो।…
अगर तुम सचमुच भगवान से प्रेम करते हो तो इसे चुपचाप और शांत रहकर प्रमाणित करो। हर के जीवन में…
मनुष्यों की जो अधिकतर कठिनाइयाँ होती है उनका कारण होता है, उनका अपनी क्रियाओं पर और दूसरों की क्रियाओं पर…
कोई संस्था प्रगतिशील हुए बिना जीवित नहीं रह सकती । सच्ची प्रगति है हमेशा 'भगवान' के अधिक निकट आना ।…
माताजी, हर बार जब मैं अपनी चेतना में जरा उठने की कोशिश करता हूँ तो एक धक्का-सा लगता है और…
जब तुम अपना प्रेम किसी और मनुष्य को देते हो तो प्राय: पहली भूल यह होती है कि तुम उस…
... यदि तुम एक सामान्य व्यक्ति हो हो और यदि तुम कष्ट उठाओ और पद्धति से परिचित होओ तो, तुम्हारा…
सुखी तथा सफल जीवन के लिए सच्चाई, नम्रता, अध्यवसाय और प्रगति के लिए कभी न बुझने वाली प्यास जरूरी हैं…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों को अपना समाधान मिल जायेगा।…