घृणा

प्रशंसा

जब तुम अपने-आपको किसी नि:स्वार्थ कार्य की परिपूर्णता के लिये सौंप देते हो तो कभी सामान्य लोगों से प्रशंसा या…

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योग के लिए आना

जीवन से और लोगों से घृणा और विरक्ति के कारण इस योग के लिए नहीं आना चाहिये। कठिनाइयों से भाग…

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भगवान के दो रूप

... हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ और इति नहीं है, कि…

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लेखन के विषय में

क्या तुम्हें नहीं लगता कि इस संसार में कुत्सित वस्तुएँ पर्याप्त हैं और इसकी कोई आवश्यकता नहीं कि कोई व्यक्ति…

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