उपस्थिती

उपस्थिती का अनुभव

मेरी प्यारी माँ, काश ! मैं अपनी अज्ञानी सत्ता को यह विश्वास दिला पाता कि तुम्हें अपने हृदय के केंद्र…

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कभी न भूलो

यह कभी न भूलो कि तुम अकेले नहीं हो। भगवान तुम्हारे साथ हैं, तुम्हारी सहायता और मार्गदर्शन कर रहे हैं…

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चेतना का परिवर्तन

मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या होता है ? सामान्य अज्ञानभरी…

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कर्म में समर्पण और चेतना

हमेशा भगवान की उपस्थिति में ही निवास करो; इस अनुभूति में रहो कि यह उपस्थिति ही तम्हारी प्रत्येक क्रिया को…

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उपस्थिती का अनुभव

मेरी प्यारी माँ, काश ! मैं अपनी अज्ञानी सत्ता को यह विश्वास दिला पाता कि तुम्हें अपने हृदय के केंद्र…

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मार्गदर्शन

मार्गदर्शक स्वयं तुम्हारें अपने अन्दर है। यदि तुम केवल 'उसे' पा सको और 'उसकी' आवाज़ सुन सको, तब तुम यह…

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सत्ता का एकीकरण

मधुर माँ, हम अपनी सत्ता को एक कैसे कर सकते हैं? पहला चरण है, अपने अन्दर गहराई में कामनाओं और…

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भौतिक प्रकृति का प्रतिरोध

शिष्य : भौतिक प्रकृति के प्रतिरोध को रोकने के लिए क्या करना चाहिये ? श्रीअरविंद : तुम्हारे अंदर सत्य के…

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