
आंतरिक जीवन की साधना
जो लोग नव युग में मानवता के भविष्य की सबसे अधिक सहायता करेंगे वे वही होंगे जो आध्यात्मिक विकास को ही नियति और मानवजाति की...
जो लोग नव युग में मानवता के भविष्य की सबसे अधिक सहायता करेंगे वे वही होंगे जो आध्यात्मिक विकास को ही नियति और मानवजाति की...
जो श्रद्धा वैश्व भगवान के प्रति जाती है वह लीला की आवश्यकताओं के कारण अपनी क्रियाशक्ति में सीमित रहती है। इन सीमाओं से पूरी तरह...
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है। यह तो जानी हुई बात है कि मानव प्रकृति के...
यदि कोई कहे : “मुझे परिणाम के विषय में निश्चय है, मैं जानता हूँ कि मैं जो चाहता हूँ वह भगवान मुझे देंगे,” तो क्या...
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में प्रगति कर रहे हो . . . संदर्भ : गीता...
हमारी पहली आवश्यकता श्रद्धा है; क्योंकि भगवान में, जगत में और सबसे महत्वपूर्ण यह कि भागवत परम सत्ता में श्रद्धा के बिना अभीप्सा या समर्पण...
“श्रद्धा के साथ जो कोई भक्त मेरे जिस किसी रूप को पूजन चाहता है, मैं उसकी वही श्रद्धा उसमें अचल-अटल बना देता हूँ ।” वह...
श्रद्धा भरोसे से अधिक, कहीं अधिक पूर्ण है। देखो, तुम्हें भगवान पर भरोसा है, इस अर्थ में कि तुम्हें अधिक विश्वास है कि जो कुछ...
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी उतनी ही अधिक रहेगी। और जब भगवती मां की कृपा और...
. . . यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा पर भरोसा हो, यदि उसमें यह श्रद्धा हो कि इस...