
रूपान्तर का मार्ग
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो – यह तुम्हें रूपांतर के मार्ग पर दूर तक ले जायेगा। संदर्भ : माताजी के...
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो – यह तुम्हें रूपांतर के मार्ग पर दूर तक ले जायेगा। संदर्भ : माताजी के...
किसी भी वस्तु को, कहीं भी, अपने सत्ता के सत्य को अस्वीकार न करने दो : यही निष्कपटता है । संदर्भ : माताजी के वचन...
परम प्रभु के लिये पाप का अस्तित्व ही नहीं है – सभी दोष सच्ची अभिप्सा और रूपांतर द्वारा मिटाए जा सकते हैं। तुम जिस चीज़...
हमेशा अहंकार अवसाद में डूब जाता है । उसकी परवाह न करो। चुपके से अपना काम करते चलो तो अवसाद ग़ायब हो जायेगा । संदर्भ...
यदि मन सभी परिस्थितियों और सभी हालातों में शांत रहें तो धैर्य अधिक आसानी से बढ़ेगा। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
जब कोई भूल हो तो उसका हमेशा प्रगति करने के लिए उपयोग करना चाहिये, एक बार आवश्यक परिवर्तन हो जाये तो भूल और उसके कारण...
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर अभिमुख हो। जब तक वह...
सच्चाई का अर्थ है, अपनी सत्ता की सभी गतिविधियों को उस उच्चतम चेतना तथा उच्चतम सिद्धि तक उठाना जिन्हें पहले से ही प्राप्त कर लिया...
भगवान के लिये सच्चा प्रेम है, बिना कुछ माँगे अपने-आपको दे देना। वह प्रेम समर्पण और उत्सर्ग से भरा होता है, वह कोई अधिकार नहीं...
जगत एक बहुत बड़े परिवर्तन की तैयारी कर रहा है । सहायता करोगे ? नववर्ष के संदेश में आपने जिस महान परिवर्तन के बारे में...